सफल गाथाऐ

सफल गाथाऐ

डबल यूनिवर्सल क्राउन लीडर्स

Mr. Ramesh Punhani
श्री रमेश पुन्हानी
डबल यूनिवर्स क्राउन डाईरेकटर्स, हाउस एंड कार फंड एचीवर, श्री  पुन्हानी एक इलक्ट्रिकल इंजीनियर हैं और वेस्टीज में शामिल होने से पहले वे अपना व्यापार चलाते थे. उन्हें अपनी विनिर्माण इकाई बंद करनी पड़ी और वे एक ऐसे व्यवसाय कि तलाश करने लगे जहाँ वे सचमुच में अपना मालिक खुद बन सकें. वे वेस्टीज में बहुत  प्रारंभिक चरण में ही शामिल हो गए  और फिर कभी वापस मुड़ कर नहीं देखा. वे सिल्वर डाईरेकटर स्तर पर पहले महीने में ही पहुँच गए और जल्द ही स्टार डाईरेकटर भी बन गए. सही मायनों  में  उत्साहजनक होने के साथ ही वे दूसरों कि सफलता में मदद करने में विश्वास रखते हैं।

वे अपना एक लम्बा  समय अपनी टीम में वेस्टीज संस्कृति पैदा करने के लिए लगाते हैं. व्यापार में एक आदर्श होने के साथ ही वे वेस्टीज में शामिल  सभी के लिए प्रेरणा का एक स्रोत हैं. 

Mr. Ramesh Punhani
गुरशरण सिंह । पदग्रहण 20 सितम्बर 2004 । नई दिल्ली
मैं वेस्टीज के मार्केटिंग प्लान से प्रभावित होने के बाद इसमें शामिल हुआ। मैं यह देख पा रहा था कि लगातार प्रयासों से यह व्यवस्था मेरे सपनो को ज़रूर पूरा करेगी। वेस्टीज में मेरी उन्नति तेज रही और मैंने सभी स्तरों पर सफलता काफी ज़ल्द प्राप्त की। अब मेरा व्यवसाय पूरे भारत में फैला है।
सिद्धार्थ सिंह । पदग्रहण: 7 फरवरी 2008 । नोएडा
मैं एम एल एम में 21 कि उम्र में शामिल हुआ और कॉलेज में रहते हुए ही एक वितरक बन गया। वक्त गुजरने के साथ मैंने सफलता हासिल की लेकिन इसे बनाए रखना आसान नहीं था। अपने तमाम प्रयासों के बाद भी मैं उतनी सफलता हासिल नहीं कर सका जितना मेरा लक्ष्य था। यहाँ तक मैंने नौकरी करने और एम एल एम छोड़ने के बारे में भी सोचने लगा। तब मैं वेस्टीज सेपरिचित हुआ और इसके मार्केटिंग प्लान और उत्पादों को देखने के बाद मेरी उम्मीद पुनर्जीवित हो गयी। मैंने कहीं और काम करने की तुलना में 300 % ज्यादा सफलता हासिल की है। सफलता कमंत्र एक सिस्टम मैन बनना ,सिस्टम का अनुकरण करना और इसे दुगुना करना है।
Mr. Ramesh Punhani
सुदर्शन मोहंती । पदग्रहण:8 मई 2008 । कटक
मैं एक इनकम टैक्स कंसल्टेंट था। ग्यारह साल पहले जब मुझे एम एल एम के बारे में पता चला मैं समझ गया कि मैं यहाँ अधिक आय पैदा कर सकता हूँ। 10 सालों तक दूसरी एम एल एम कंपनियों में काम करने के बाद मुझे एहसास हुआ की जिस स्थायित्व और आय के लिए मैं एम एल एम शामिल हुआ था वह अब भी मुझसे दूर थी। वेस्टीज में शामिल होना मेरे लिए एक मुश्किल फैसला था,मगर जब मैंने वेस्टीज को चुना मैंने देखा की इससे मैं अपनी डाउनलाइन को भी सफल बना सकूँगा। यह मेरा अब तक का सबसे सही फैसला रहा है। मैं इसमें यकीन रखता हूँ कि आपकी सफलता में ही हमारी सफलता है।
Mr. Ramesh Punhani






कुमार कुलविजय । पदग्रहण: 12 फरवरी 2007 । पटना
मैं एल एम एम व्यवसाय से कुछ सालों से जुड़ा हुआ था मगर जब मैं वेस्टीज के उत्पादों मार्केटिंग प्लान और प्रबंधन से परिचित हुआ मैं समझ गया कि मेरे लिए सबसे अच्छी जगह यही है। इसके उत्पादों का इस्तमाल करने के बाद इनमे मेरा विश्वास अत्यंत बढ़ गया और मैंने व्यवसाय स्थापित करना शुरू कर दिया। इस व्यवस्था को विवेक पूर्ण तरीके से अनुकरण करने लगा और बड़ी सफलता हासिल की।
जितेन्द्र नायक । पदग्रहण: 29 मई 2008 । भद्रक 
मैं एक ऐसे व्यापार की तलाश में था जो मुझे अच्छी आय दे सके। मैंने दूसरे एम एल एम में भी कोशिश की थी मगर जो नतीजे मैंने हासिल किये वो आशा के अनुरूप नहीं थे। मैंने वेस्टीज का मार्केटिंग प्लान देखा और इसकी संभावनाओं को देख आश्चर्यचकित रह गया। मैंने बिना कोई समय गवाएं ट्रेनिंग मिलने के साथ ही वेस्टीज का प्रचार करना शुरू कर दिया। मेरा विश्वास है कि त्पाद का इस्तमाल करें, व्यवस्था का अनुकरण करें और कभी हार न माने, सफलता आपके सामने है.







बिजय कुमार मिश्र । पदग्रहण:30 जुलाई, 2004 । कानपुर
एम एल एम सिस्टम में मेरा विश्वास हमेशा से काफी मजबूत था। इसके प्रबंधन में मेरी आस्था थी और मेरे वेस्टीज से जुड़ने के यही कारण था। यहाँ मेरी उन्नति अभूतपूर्व रही है और वेस्टीज के द्वारा कमाई से मैंने दो कार और एक घर ख़रीदा है।
आनंद कुमार गुप्ता । पदग्रहण:15 अक्तूबर 2005 । कानपुर
एम एल एम सिस्टम में मेरा विश्वास हमेशा से काफी मजबूत था। इसके प्रबंधन में मेरी आस्था थी और मेरे वेस्टीज से जुड़ने के यही कारण था। यहाँ मेरी उन्नति अभूतपूर्व रही है और वेस्टीज के द्वारा कमाई से मैंने दो कार और एक घर ख़रीदा है।
ज्योति । पदग्रहण: 8 जनवरी 2007 । नवी मुंबई
वेस्टीज में शामिल होने से पहले मैं एक बीमा कंपनी में बिज़नेस एसोसिएट के रूप में काम करती थी। मेरे पास अपनी उन्नति की आकांक्षा थी और मैं एक मुक्त जीवन जीना चाहती थी। वेस्टीज ने मुझे अपना मालिक खुद बनने और दूसरों का नेतृत्व करने की स्वतंत्रता दी। मैं इसके प्रबंधन, उत्पाद गुणवत्ता और मार्केटिंग प्लान से काफी प्रभावित हुई। मेरा मानना है की आपको एक वितरक बनने से पहले एक उपभोक्ता बनना चाहिए क्यूंकि यह आपको उत्पादों के प्रचार के लिए दृढ़ता देती है। सभी परिदृश्यों की प्रस्तुति में मैं कभी इस बात का उल्लेख करना नहीं भूली की वेस्टीज में सिर्फ अपना 1 -2 साल देने के बाद आप वो पद और आय पा सकते हैं जो किसी और काम में आप 40 सालों में पायेंगे। फैसला आपका है!
विकी जयसवाल पदग्रहण 8 जनवरी 2007 नवी मुंबई
मैं एम एल एम इंडस्ट्री में 5 सालों से हूँ। जब मैंने वेस्टीज मार्केटिंग प्लान देखा तो समझ गया कि मेरी खोज ख़त्म हो गयी है। मैंने इसके प्लान और उत्पादों का एक साथ प्रचार शुरू कर दिया। मेरे सपनो कि ताकत ने मुझे सफल बना दिया और अब मेरा लक्ष्य उन सभी को सफल बनाना है जो मुझे सफल मानते हैं।
देबाशीष घोष । पदग्रहण: 12 मई 2008 । कोलकाता
मैं एक दशक से एम एल एम का हिस्सा रह चुका हूँ मगर फिर भी मैं अपने परिवार की बढती ज़रूरतों को पूरा करने के पर्याप्त पैसे नहीं कम पा रहा था। उनकी ज़रूरतें पूरी न कर पाने के कारण अक्सर मैं खुद को दोषी महसूस करता था। तद्पश्चात मैं वेस्टीज में शामिल हुआ जो अनजाने में मिला एक वरदान था। इस व्यवसाय ने मेरी उन्नति और मेरे डाउनलाइंस की सफलता के लिए अनंत संभावनाए खोल दी हैं। मैं काफी कम समय में अपना व्यापार स्थापित करने में सफल रहा और इतनी आय पैदा करने लगा जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था। मैं वेस्टीज को मेरे सपनो को पूरा करने में मदद करने के लिए धन्यवाद कहना चाहूंगा।
पुष्पलता शर्मा | प्रवेश: 06 जुलाई 04 | मुंबई
मैं एक हाउसवाइफ हूँ और मेरे पास ढेर सारा समय था क्यों कि मेरे बच्चे बड़े हो चुके थे। आयु से जुड़ी मेरी तकलीफों के लिए मुझे वेस्टीेज के प्रोडक्ट्स की सलाह दी गई। मैं इनके नतीजों से वाकई बहुत प्रभावित हुई और मैंने अपनी सहेलियों और नाते-रिश्तेमदारों को इसके प्रोडक्ट्स और बिजनेस की सलाह देनी शुरू की। हाँ, इसमें थोड़ा वक्त तो जरूर लगा लेकिन मुझे यह अहसास कभी नहीं था कि मैं इतना विशाल नेटवर्क खड़ा कर सकती हूँ। कंपनी द्वारा की गई मदद के लिए मैं बेहद आभारी हूँ जिसके कारण मैं इतनी अधिक सफलता हासिल कर पाई हूँ।
अशोक घोष | प्रवेश: मई, 2008
मैं सोचा करता था कि मैं मनहूस हूँ ! मेरे पिछले MLM उद्यम में, मेरा बिजनेस खराब हालातों का शिकार बन गया था जिसके कारण मैं बस जूझ रहा था। वेस्टीयज में साधारण लोगों के सफल होने की गति को देखकर, मैंने सोचा कि अपने तजुर्बे और पॉजीटिव रवैये के कारण निश्चित तौर पर बेहतर कर सकता हूँ। मेरी अपलाइन और एजुकेशन सिस्टतम से मिली ट्रेनिंग सहायता ने मेरी बेहद मदद की। सफलता वाकई बहुत मीठी होती है। मेरी अपलाइन और वेस्टी‍ज का बेहद शुक्रिया।
सरोज कुमार पाणिग्रही | प्रवेश: जुलाई 2008
मैं भुवनेश्वोर में रहता हूँ और मैंने दूसरी MLM कंपनियों को भी आजमाया है लेकिन मुझे ज्याेदा सफलता नहीं मिली। वेस्टीहज में प्रवेश करने के बाद, मैंने अपनी अपलाइन और सपोर्ट सिस्ट्म की मदद से अपना बिजनेस शुरू किया, और बस सिस्ट म का पालन करके बहुत आसानी से सफलता हासिल की। आज मैं पहले से ही अपनी उम्मीुदों से अधिक कमा रहा हूँ जो मैंने अपनी MBA पूरी करने के बाद कमाने का सोचा था। मेरी पढ़ाई से मुझे काफी फायदा हो रहा है क्योंककि मैं अपना बिजनेस सफलतापूर्वक चलाने के लिए इसे इस्ते।माल कर रहा हूँ।





नीलिमा सदानंद खत्री | प्रवेश: मार्च 2009
मैं एक हाउसवाइफ थी और कुछ ऐसा करना चाहती थी जिससे मुझे सम्मामन मिले। मैंने MLM कंपनियों के साथ काम करना शुरू किया और उन्नऐति की लेकिन वेस्टीुज में प्रवेश करने के बाद मुझे जो सफलता मिली, वह तो बस चमत्कानरी थी। वेस्टीतन प्ला्न, प्रोडक्ट्स, सम्मायन करने की व्य वस्थाी और मेरी अपलाइन हमेशा ही अत्याधिक मददगार और प्रेरणादायी रही हैं। मुझे टीम वेस्टीमज का एक हिस्साु होने पर गर्व है और दूसरों को भी बताना चाहूँगी कि वेस्टीदज का एक अंग बनना कमाई करने और स्वीस्थक बने रहने का सर्वश्रेष्ठन तरीका है।
डा. हरीश कुमार रहेजा | प्रवेश: फरवरी, 2008
मेरी प्रैक्टिस बहुत बढ़िया चल रही थी लेकिन मेरे पास लोगों के साथ मिलने-जुलने और घूमने-फिरने की आजादी कभी नहीं थी। यही वह काम हैं जो मुझे सबसे ज्यालदा पसंद हैं। मैं 15 साल पहले MLM का हिस्साि बन गया और अपनी प्रैक्टिस छोड़ दी, MLM को अपना कैरियर बना लिया। स्वकयं पर और कार्य करने की अच्छीे आदतों पर दृढ़ विश्वा्स के कारण मुझे हमेशा सफलता मिली है। लेकिन अद्भुत सफलता अभी मुझे छका रही थी। वेस्टीेज में, जहां मुझे सपोर्ट सिस्टाम बेहद पसंद है, मैं 15 साल के अपने पूरे कैरियर की अपेक्षा कहीं अधिक सफल हुआ हूँ, और मैं जानता हूँ कि यह बस एक शुरुआत है। अपनी डाउनलाइनों की सहायता करना ही वह इकलौता तरीका है जिसके द्वारा आप एक बड़ा संगठन बना सकते हैं और एक बड़े संगठन का अर्थ बड़ी आमदनी है।
अर्पणा देव | प्रवेश: मई 2010
मैं वेस्टीहज में प्रवेश करने से पहले 14 सालों से एक नेटवर्क मार्किटिंग कंपनी के साथ काम कर रही थी। मैंने पाया कि वेस्टीीज के पास एक फलदायक मार्किटिंग प्ला न के साथ प्रोडक्ट्स का सही कम्बीहनेशन है। मैं बहुत ही कम समय में विभिन्नर सीढ़ियों को चढ़ पाई और मुझे पूरा यकीन है कि यह बस एक शुरुआत है। अगर आप सिस्टेम को फॉलो करते हैं और मैनेजमेंट पर विश्वा स रखते हैं तो आपको सफलता जरूर मिलेगी।
नीलिमा अम्बिस्तर | प्रवेश: 28 दिसंबर 2007, इंदौर
जब मेरी शादी हुई थी तो मेरे पास कोई प्रोफेशनल योग्यकता नहीं थी। मैंने कभी सोचा तक नहीं था कि मैं वहां पहुंच पाऊंगी जहां आज मैं हूँ। एक 'हाउसवाइफ' के वेस्टीथज का 'यूनीवर्सल क्राउन डायरेक्टीर' बनने के सफर ने तो मेरी जिंदगी इतने तरीकों से बदल डाली है कि मैं उनकी गिनती तक नहीं कर सकती। यह सफर बेहद चुनौतीपूर्ण और तृप्तिदायक था। जब मैंने डायरेक्टड मार्किटिंग कंपनियों के साथ काम करना शुरू किया था तब मेरे पास कोई तजुर्बा नहीं था और वाकई कोई कॉन्टेटक्ट नहीं थे जिनका सहारा लिया जा सके। मेरे पास बस एक दृढ़ संकल्प , और बेहतर भविष्य की आशा थी। मैंने अपने-आपको काम में झोंक दिया, और छोटी-छोटी सफलताएं बटोरनी शुरू की। हरेक कदम ने मुझे अगले कदम के लिए तैयार किया, और इसलिए मैं आगे बढ़ती चली गई। मेरे इस सफर में वेस्टीकज निश्चित तौर पर एक युगांतरकारी घटना थी। प्रोडक्ट्स की उत्कृइष्टस क्वाीलिटी, बिजनेस प्लातन और मैनेजमेंट के कारण मुझे इस कंपनी के साथ जुड़े होने पर गर्व है। हालांकि मेरा यकीन है कि एक हाउसवाइफ होना एक आादर्णीय काम है लेकिन मेरा यह भी यकीन है कि महिलाओं के लिए आर्थिक स्व तंत्रता से बढ़कर कुछ भी अधिक शक्तिशाली नहीं है। आज मैंने अपने पति के साथ यूरोप में स्पोंमसर्ड हॉलीडे का लुत्फी उठाने के लिए पर्याप्तध सफलता हासिल कर ली है। और आज मैं एक संतुष्टय मुस्का‍न के साथ उस नन्हीं -मुन्नी लड़की की ओर देख सकती हूँ जो कभी उन जादुई प्रदेशों को देखने की कल्पएनाएं करती थी जिनके बारे में उसने बस परीकथाओं में पढ़ा था।
सुरेश कुमार श्रीवास्तदव | प्रवेश: 30 नवंबर 2004, भोपाल
मैं अपनी कार का मालिक होने के अपने सपने को वेस्टी ज का एक हिस्साह बनने के बाद साकार कर पायाI वेस्टीीज का आदर्श-वाक्य “आपकी सफलता में ही हमारी सफलता निहित है” मेरे लिए भी तब सच साबित हुआ जब मैंने अपनी डाउनलाइनों को अधिक सफल बनाना शुरू किया। अब न केवल हर कोई मेरा आदर करता है, बल्कि लोग मेरे से सलाह भी मांगते हैं कि कैसे सफल हुआ जाए। वेस्टी ज ने जिंदगी के प्रति मेरा रवैया बदल दिया है और मेरे इस विश्वा स को अधिक दृढ़ बनाया है कि “हर कोई सफल हो सकता है अगर उसके पास सही अवसर हो।”
अनूप सक्सेवना | प्रवेश: 19 सितंबर 2005, भोपाल
मैंने वेस्टी ज के प्रोडक्ट इस्तेसमाल करने के बाद जो मुझे काफी फायदेमंद लगे, 2005 में वेस्टीसज को ज्वा इन किया था। मैंने इसके अत्याैधिक फलदायक मार्किटिंग प्लाुन के साथ इसके प्रोडक्ट्स को प्रमोट करना शुरू किया। जैसे-जैसे दूसरे लोगों ने वेस्टी्ज के प्रोडक्ट्स के चमत्काारी आरोग्य कर गुणों को अनुभव किया वैसे-वैसे उन्होंइने भी मेरे साथ इस बिजनेस में प्रवेश किया। मैं मैनेजमेंट और अपनी अपलाइन की मदद और मार्गदर्शन के लिए उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ जिसके कारण मैं इतना अधिक सफल हो पाया हूँ।
उत्तरम गुरंग | प्रवेश: 30 अप्रैल 2005, सिलीगुडी
मैं एक स्कूदल टीचर हूँ और मैंने एक ग्राहक के रूप में वेस्टीकज के साथ अपना सफर शुरू किया था। गैस की अपनी तकलीफ के लिए वेस्टी ज स्पीमरूलीना इस्ते माल करना शुरू किया था। जब मैंने यह प्रोडक्ट खरीदा था तब मेरी अपलाइन ने मुझे बताया था कि एक डिस्ट्रीएब्यूतटर बनने से मुझे फायदा होगा और मैंने तुंरत ज्वाोइन कर लिया। मैंने अपने दोस्तोंय और सहकर्मियों को इन सामानों की सलाह देनी शुरू की। यह भी सुनिश्चित किया कि मैंने उन्हेंइ सही सलाह दूँ। मुझे पता ही नहीं चला कि कब मैं एक डायरेक्ट र बन गया। हर किसी से मैं बस इतना कहना चाहूँगा कि वेस्टी ज के ताकतवर बैकग्राउंड और मजबूत सिस्टसम के कारण सफलता तो निश्चित है लेकिन व्यंक्ति के लिए हरेक सौदे में ईमानदार होना भी जरूरी है.

No comments:

Post a Comment